विशेष / 2023-03-25 17:28:52

पत्रकारिता एक मिशन..नो टेंशन! (अनुभव सिंह)

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देश में पत्रकारों का मजाक उड़ाने के लिए आजकल 'गोदी मीडिया' 'ईमानदार पत्रकार' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने वाले तथाकथित लोग पत्रकार की जगह एक नये 'पत्तलकार' शब्द का हास्यास्पद प्रयोग कर आम जनता के बीच अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया है। पत्रकार कभी मजाक के पात्र नहीं रहे। हाथ में स्मार्टफोन, सस्ता डाटा के चलते स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अपनी बातों को रखने के लिए यूट्यूब, फेसबुक आदि ने लोगों को एक अच्छा प्लेटफार्म दिया है। वीडियो बनाने और यूट्यूब पर डालने के लिए कोई शर्त नहीं है छोटे-छोटे गांवों से बड़े-बड़े शहरों तक, दर्जनों, सैकड़ों युवा माइक लिए घूमते नजर आते हैं। लेकिन अफसोस कि उनमें ज्यादातर वो लोग हैं,जिन्हें अपनी जिम्मेदारी पर गौर करना जरुरी है।उनका मकसद किसी भी प्रकार अपने यूट्यूब चैनल के सबस्क्राइबर व व्यूज बढ़ाना है। खुद के चैनल को चर्चा में रखने के लिए किसी भी मुद्दे को सनसनीखेज बनाने में लगे रहते हैं। इतना ही नहीं, कई तो जगह-जगह अपनी धौंस जमाते फिरते हैं यूट्यूब पर खबरों के साथ आने वाला हर नया चेहरा खुद में एक पत्रकार देखता। उन्हें नहीं पता कि पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करने वाले लोगों ने कितने संघर्ष किए या आधे घण्टे का एक वीडियो बनाने से पहले ये न जाने कितने घंटे अध्ययन करते हैं। राजनीति में जहां सफेद कुर्ता पजामा पहनने वाला हर व्यक्ति नेता माना जाता है,उसी तरह मोबाइल चमकाने और माइक लेकर चलने वाला कोई भी व्यक्ति अब पत्रकार कहा जाता है। पत्रकारिता का यह स्तर स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरा है।लोकतंत्र का चौथा स्तंभ दीमक की चपेट में है। पत्रकारिता की गरिमा और भरोसे को बचाना,पत्रकारिता की रक्षा करना,पत्रकारिता से जुड़े हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है।

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