कटिहार....आपने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी, ‘चोर के घर चोरी!’ पर क्या आपने कभी ये कहावत सुनी है कि पुलिसवाले के घर चोरी! बेशक नहीं सुनी होगी, उसका कारण ये है कि पुलिसकर्मी खुद इतने सक्षम और होशियार होते हैं कि उनके घर चोरी नहीं हो सकती। चोर उनके घर चोरी करने की हिम्मत भी
नहीं कर सकता क्योंकि वहां पकड़े जाने पर जेल का रास्ता सीधे तौर पर खुल जाता है। पर बीती रात फलका में एक ऐसी घटना घट गई जिसने इन कथनों और मान्यताओं को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया। जिले के फलका थाना में शनिवार की देर रात चोरों ने लखीसराय एसपी पंकज कुमार के पैतृक गांव हसेली में घुसकर गहने चोरी कर फरार हो गये। घटना के बारे में लखीसराय एसपी की मां परमेश्वरी देवी ने बताई घर में सोई थी शनिवार की देर रात अज्ञात चोरों ने मेन गेट का ताला तोड़कर अंदर घुसकर मेरे शयनकक्ष को बाहर से बंद कर दिया और चार अलग-अलग कमरे का ताला तोड़कर कमरे के अंदर रखे ट्रंक का ताला तोड़ दिया, ट्रंक में रखें जेवर और बर्तन चोरी कर लिया। जब सुबह मेरी नींद खुली तो बाहर निकलने की कोशिश की तो देखा कि मेरे कमरे की कुंडी बाहर से बंद है तत्पश्चात मैं बगल के पड़ोसी को मोबाइल के द्वारा फोन कर बुलाया तो पड़ोसी ने आकर मेरे रूम में लगे कुंडी को खोला तो मैं बाहर निकल कर देखी कि मेन गेट का ताला टूटा हुआ था और चार रूम का भी ताला टूटा हुआ था। रूम के अंदर रखे ट्रंक का ताला भी टूटा हुआ था।
शट्रंक में रखे जेवर एवं महंगे बर्तन गायब था। घर के बाहर एक अटेची फेंका हुआ था। वहीं अरुण यादव के घर भी अज्ञात चोरों ने चोरी की है। घटना के बारे में अरुण यादव ने बताया कि देर रात घर के अंदर रखे ट्रंक का ताला तोड़कर सोने चांदी का जेवर नगद पन्द्रह सौ अज्ञात चोरों ने चोरी कर लिया है। वहीं
सुनील यादव के घर भी अज्ञात चोरों ने चोरी किया घटना के बारे में सुनील यादव ने बताया कि मेरे घर के अंदर रखे बक्सा का ताला तोड़कर जेवर और एक हजार रुपए चोरी कर लिया है। वहीं बरेटा गांव के कन्हैया ठाकुर के घर से दो बकरी एवं रहटा गांव के ग्रामीण पुलिस बुलबुल पासवान के घर से दो खस्सी भी चोरी कर लिया है। एक रात में पांच घरों में चोरी की घटना के अंजाम को लेकर ग्रामीण काफी दहशत में है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वरीय पदाधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग की
ै। फलका थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार पटेल ने बताया कि परमेश्वरी देवी के आवेदन पर एफआईआर संख्या 128/24 बीएनएस की धारा 305 एवं 331 (2) के तहत दर्ज किया गया है वहीं कांड का अनुसंधानकर्ता एसआई विकास कुमार को बनाया गया है।