पटना..'नजरें उतारना और फिर नजरों से उतारना "ही इन दिनों राजनीतिक पृष्ठभूमि बनती जा रही है।राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम चुकी बीमा भारती का दांव पिछले लोक सभा चुनाव के दौरान उल्टा पड़ गया वे चुनाव हार गई।इधर बीमा भारती की विधायकी भी दांव पर लगा चुका था और अब फिर से वो रूपौली क्षेत्र से विधानसभा का उप-चुनाव राजद की ओर से लड़ने को तैयार हैं। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने भी रूपौली क्षेत्र को टारगेट पर लेते हुए कठोर शब्दों में कहा है कि "जो हमको छोड़ कर चले जाते उसका गड़बड़ हो जाता है।दो-टूक कहना राजनीति में कितना सही है,यह समय के लेखा जोखे पर निर्भर करता है लेकिन रूपौली प्रत्याशी बीमा भारती दल बदलने के साथ ही क्षेत्र की जनता का कितना विश्वास जीत पाती है,उसका अंदाजा उन्हें बखूबी होगा। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महती चुनावी सभा के दौरान बीमा भारती को आइना दिखाया है तथा अपनी अहमियत के साथ दल से बाहर रहने का नुक़सान बताते हुए जो कुछ कहा वह
विश्लेषण की बात है लेकिन यह भी सही है कि अभी नीतीश का स्टार बुलंद है।राई को पर्वत और पर्वत को राई बनाने की कला समय खूब जानता है। चुनावी सभा में नीतीश कुमार ने बीमा भारती को पराजित करने की नीतियों के लिए शब्द वाण फेंके हैं ? देखना है कि जदयू का तीर बीमा भारती को कितना व्यथित करता है?