(व्यंग्य)...पूज्य पिताजी घुटना स्पर्श!एचएनवाई अर्थात हैप्पी न्यू ईयर 2021।माँ शारदे की आशीर्वाद से मैं कुशल हूँ। देर रात तक आपका ऑनलाइन स्टेटस देखकर उम्मीद करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे।पिताजी जैसा कि आप जानते हैं कोरोना ने संपूर्ण राष्ट्र को आत्मनिर्भर बना दिया है।लोग इतने आत्मनिर्भर हो चुके हैं कि यदि ट्रेन, बस बंद हो जाए तो भी हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल कर लेते हैं।ये और बात है कि प्राचीन काल में ऐसे यात्रा करने वालों को परदेशी तो वर्तमान में प्रवासी के रूप में जाना जाता है।भले ही सरकारी कर्मचारियों का वेतन कट जाए या डीए ना बढ़े लेकिन टैक्स पूरा देने में वो सक्षम हो चुके है।स्कूल काॅलेज में ताला लटका हो पर संबंधित विद्यालय के प्रबंधक का एकाउंट हमेशा खुला हुआ रहता है।नेट पैक और आंखों की रोशनी खर्च कर घर बैठे बच्चों की उपस्थिति वाले आनलाइन क्लास के नाम पर सरस्वती बांटने वालों के लक्ष्मी आगमन पर रत्ती भर भी फ़र्क नहीं पड़ता है। स्कूल फीस में उल्लेखित बस किराया शुल्क से स्पष्ट हो गया है कि लाॅकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूल की बंद पड़ी बस भी अब डीजल पीने लगी है। ओह बातों ही बातों में मै भी कहाँ से कहाँ जा रहा हूँ।दरअसल कहने का आशय यह है कि कोरोना काल में अब अपना भारत आत्मनिर्भर हो चुका है। आपको जानकार ख़ुशी होगी कि मैने होटल में जाकर खाना छोड़ दिया है।अब मैं आत्मनिर्भर हूँ इसलिए मैने होटल जाने या दोस्तों से खाना मंगाने की बजाय स्वयं ऑनलाइन ज़ोमैटो से ऑर्डर करना सीख लिया है।पिताजी आप तो मुझे हमेशा निकम्मा और नकारा समझ कर कोसते थे लेकिन माँ मुझे हमेशा आशीर्वाद देती रही है।माँ का आशीर्वाद अब फलीभूत हो रहा है उनके आशीर्वाद से इन दिनों मै चार व्हाटसएप समूह का एडमिन हूँ।फेसबुक पर भी मेरे पांच हजार मित्र हो गए हैं।अब बाद के मित्र मेरे फोलोअर कहलाएंगे। ट्विटर पर इंडियन पीएम से अमेरिकन प्रेसीडेंट तक को मैं फाॅलो करने लगा हूँ।
आप मुझे आलसी कहा करते थे न ! लेकिन आपको बता दूँ कि अब आपका पपलू काफी लेबोरियस हो गया है।अहले सुबह से देर रात तक इतनी मेहनत करता हूँ कि जियो एवं एयरटेल का दैनिक डेढ़ जीबी डाटा पुरा का पुरा प्रयोग कर लेता हूँ।विशेष समाचार यह है कि ऑनलाइन क्लास जारी रखने के लिए मुझे एप्पल मोबाइल की आव
श्यकता है।मेरा पुराना वाला मोबाइल फोन अब हैंग होने लगा है वैसे भी चाइनीज सेट पिछले तीन वर्षों से उपयोग कर रहा हूँ।आपको पता ही है कि वेबसाइट से लेकर वेबसीरीज तक देखने का मेरा एक मात्र साधन मोबाइल ही है।कृपया आप एकाध लाख रुपये पेटीएम या गूगल पे कर दें ताकि मै नया वाला एप्पल फोन खरीद सकूँ।फलस्वरूप कोरोना वैक्सीन आने तक मेरी ऑनलाइन पढ़ाई बाधित ना हो और सायबर कैफे के भरोसे डिपेंड ना रहकर स्वयं के मोबाइल पर आत्मनिर्भर रह सकूँ।विशेष क्या लिखूँ फादर्स-डे के दिन आपकी और मदर्स डे के दिन मम्मी की बहुत याद आती है।उस दिन एफबी पर आपलोगों की सेल्फी वाली तस्वीरें डालकर पुत्र धर्म निभा लेता हूँ।शेष अगले पत्र में। घर मंदिर में सभी बड़े लोगों को मेरा प्रणाम वाला इमोजी तथा छोटे को दिल वाला इमोजी।आपका डिजिटलधारी पुत्र...पपलू...पता..... एफबी/ट्विटर गली,..ग्राम+पोस्ट-इंस्टाग्राम,जिला-व्हाटसएप,प्रांत- सोशल मीडिया,पिन- थम्ब लाॅक/फेसलाॅक।